Patna – विश्वविद्यालय की मनमानी के खिलाफ शिक्षा विभाग ने सख़्ती शुरू कर दी है, निर्देशों का पालन नहीं करने की वजह से बड़ी संख्या में शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पर आफत आने वाली है.
बताते चलें कि शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया था कि वे सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड करें। यह पोर्टल वेतन भुगतान के लिए बनाया गया है। इस पर सभी जरूरी जानकारी अपलोड होना जरूरी है। विभाग ने यह भी कहा है कि जिन शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा अपलोड नहीं होगा, उनका वेतन रोक दिया जाएगा। इसके साथ ही, विभाग ने उन शिक्षकों और कर्मचारियों का ब्योरा भी मांगा है जिनकी सेवा नियमित नहीं है।विश्वविद्यालयों को तीन महीने का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस समय सीमा में भी डाटा अपलोड नहीं किया। इस लापरवाही को देखते हुए शिक्षा विभाग ने कुलसचिवों को सख्त चेतावनी दी है।
इस चेतावनी के तहत शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है। अगर एक हफ्ते के अंदर जरूरी जानकारी नहीं दी गई, तो कई शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर संकट आ सकता है।
गौरतलब है कि के के पाठक के अपर मुख्य सचिव रहने के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षा विभाग के बीच तनातनी हुई थी. केके पाठक ने काफी सख़्ती दिखाई थी जिसकी वजह से राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच भी टकराव बढ़ गया था. केके पाठक के विभाग से विदाई के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने राहत की सांस ली थी लेकिन अब एक बार फिर से शिक्षा विभाग ने कई मामलों को लेकर सख्ती शुरू कर दी है, अगर विश्वविद्यालय प्रशासन एक सप्ताह के अंदर शिक्षक और कर्मचारियों का पूरा डिटेल अपलोड नहीं करता है तो फिर कई शिक्षकों कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ सकते हैं.