Positive News Live -Dy. Cm सम्राट चौधरी और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी की मौजूदगी में हुए फैसले को लागू नहीं करने को लेकर बिहार राजभवन ACS KK पाठक से खासा नाराज है. इस संबंध में राज्यपाल के प्रधान सचिव ने केके पाठक को पत्र लिखकर जवाब मांगा है.
इस पत्र में प्रधान सचिव ने लिखा है कि 8 मार्च को डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी शिक्षा मंत्री विजय चौधरी और आपकी उपस्थिति में यह फैसला हुआ था कि शिक्षा विभाग 28 फरवरी के अपने आदेश को वापस लेगा जिसमें बैठक में शामिल नहीं होने पर राज्य के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों कुलसचिवों एवं अन्य पदाधिकारी का वेतन रोकने का आदेश दिया गया था और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश था पर शिक्षा विभाग द्वारा 8 मार्च को हुए फैसले को लागू करने को लेकर अब तक की कार्रवाई का कोई अपडेट नहीं दिया गया है इस संबंध में आप राजभवन को अवगत कराएं.
बताते चलें कि उच्च शिक्षा विभाग में केके पाठक को लेकर किया जा रहे हस्तक्षेप की वजह से राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच काफी समय से तनातनी चल रही है. प्राथमिक और माध्यमिक की तरह ही उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े पदाधिकारी की बैठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव करना चाहते हैं पर कुलाधिपति द्वारा शिक्षा विभाग की किसी भी बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा रही है.28 फरवरी को भी शिक्षा विभाग के द्वारा सभी विश्वविद्यालय के पदाधिकारी की बैठक बुलाई गई थी जिसमें अधिकांश पदाधिकारी शामिल नहीं हुए थे.इससे नाराज़ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पाठक ने प्राथमिक की दर्ज करने का आदेश दिया था.
इस आदेश के बाद राजभवन ने नाराजगी जताई थी और शिक्षा विभाग को तुरंत ही यह आदेश वापस लेने को कहा था, पर राजभवन के आदेश का पालन नहीं हुआ और फिर 8 मार्च को राजभवन की पहल पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विशेष बैठक आयोजित की गई थी और इसी बैठक में हुए फैसले को लागू करने के संबंध में राज्यपाल के प्रधान सचिव ने केके पाठक को पत्र लिखा है अब देखना है कि केके पाठक क़े पत्र का जवाब क्या देतें हैं.