1.70 शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट में विलंब! बिहार सरकार ने SC में लगाया SLP
प्राथमिक स्कूलों के लिए बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों को भी रिजल्ट में शामिल करने की अनुमति सरकार ने मांगी है
DESK-बिहार में 1 लाख 70 हजार शिक्षकों नियुक्ति के रिजल्ट में विलंब हो सकता है,क्योंकि इस शिक्षक नियुक्ति को लेकर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है और प्राथमिक स्कूलों के लिए बीएड वालों को भी योग्य बनाने की मांग की है. पटना हाईकोर्ट के फैसले को आधार बना कर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की है. इस याचिका में बिहार सरकार की यह मांग है कि बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राइमरी टीचर के पद पर नियुक्ति करने की इजाजत दी जाये. बिहार सरकार के इस कदम से बीएड अभ्यर्थियों में थोड़ी उम्मीद जगी है,पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही बिहार सरकार अंतिम फैसला ले पायेगी.
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में शिक्षक बहाली के मामले में प्राइमरी टीचर के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसके फैसले के बाद बीएड डिग्री धारी छात्र प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे. सिर्फ बीटीसी या डीएलएड डिग्री वाले छात्र ही कक्षा पांचवीं तक पढ़ाने के लिए पात्र माने जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट का फैसला तब आया था जब बिहार में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी.इस बीच यह मामला पटना हाईकोर्ट में भी पहुंचा. पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार ने दलील दी थी कि बीएड वालों को प्राइमरी टीचर नहीं बनाने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिहार के संबंध में नहीं है. बिहार सरकार ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि बिहार में ये आदेश लागू होगा या नहीं. इसके बाद 22 सितंबर को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की दलील को खारिज कर दिया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिहार में भी लागू होगा. इसका मतलब है कि बिहार की शिक्षक नियुक्ति में बीएड पास अभ्यर्थी प्राइमरी टीचर नहीं बन सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने यह तय किया था कि बीएड पास अभ्यर्थी प्राइमरी (पहली से पांचवीं कक्षा) टीचर नहीं बन पाएंगे. उसके बाद शिक्षक भर्ती में शामिल 3 लाख 90 हजार बीएड पास कैंडिडेट्स के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद पटना हाई कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की बात कही.इन फैसलो के बाद बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया कि वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी और उसने पटना हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है ।अब देखना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कब तक आता है और क्या फैसला आता है क्योंकि इस फैसले से लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य जुड़ा हुआ है.
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